पटना: सीटों पर समझौते के उद्देश्य से मंगलवार को महागठबंधन की समन्वय समिति की बैठक आनन-फानन में हुई। यह बैठक तेजस्वी के सरकारी आवास पर हुई, लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से तेजस्वी उसमें सहभागी नहीं हुए, इसलिए समिति सीट साझेदारी और घोषणा-पत्र के संदर्भ में ठोस निर्णय नहीं ले सकी।
अंदरखाने के सूत्र बता रहे कि कांग्रेस के दावे के कारण सीट बंटवारे के अटके मामले पर अब राजद को सोनिया गांधी के हस्तक्षेप की आशा है।
कांग्रेस और राजद के कुछ नेता चाह रहे कि सोनिया से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुलाकात कराई जाए, ताकि गतिरोध समाप्त हो सके।
मंगलवार की बैठक में राजद की ओर से प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल, सांसद संजय यादव, पूर्व मंत्री आलोक मेहता, कांग्रेस के बिहार प्रभारी अल्लावारू कृष्णा, शकील अहमद, माले के राज्य सचिव कुणाल एवं अन्य घटक दलों के प्रतिनिधि सम्मिलित रहे।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि कई सीटों पर जिच है। उन पर एक से अधिक दलों की दावेदारी है। शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप से ही निर्णय होगा।
साझा घोषणा-पत्र भी लगभग तैयार हो चुका है, जिसे उप समिति ने समन्वय समिति के हवाले कर दिया है। इसे जारी करने की तिथि समन्वय समिति ही तय करेगी। तेजस्वी इसके अध्यक्ष हैं।
कांग्रेस की प्राथमिकता में होगा स्थानीय प्रत्याशी : चंद्रदेव राय
कांग्रेस कमेटी ने राजगीर में आगामी चुनावों के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। बिहार चुनाव कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इसलिए पार्टी नेतृत्व हर विधानसभा में उम्मीदवारों का चयन सोच-समझकर करेगा। यह जानकारी नालंदा जिला के चुनाव पर्यवेक्षक चंद्रदेव राय ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में दी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, जिसका बिहार में ऐतिहासिक जनाधार रहा है। हालांकि, कुछ समय के लिए पार्टी कमजोर पड़ी थी, लेकिन अब यह मजबूती से विस्तार कर रही है।
बैठक में उन उम्मीदवारों को शामिल किया गया, जिन्होंने पार्टी कार्यालय में आवेदन दिया था। राय ने स्पष्ट किया कि प्राथमिकता स्थानीय कार्यकर्ताओं को दी जाएगी। बैठक की अध्यक्षता बीपीसीसी के प्रदेश प्रतिनिधि संजय पासवान ने की।